आजादी से पहले हिन्दू राष्ट्र की मांग थी जायज : डोटासरा
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मानी आजादी के आंदोलन में सावरकर की भूमिका।
अगस्त क्रांति दिवस पर कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में रखे विचार
जहाँ एक ओर कांग्रेस आजादी के आंदोलनों में सावरकर की भूमिका को सिरे से नकारती रही और सावरकर को अंग्रेजो का जासूस तक कहती रही है वही दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वतंत्रता आंदोलन में सावरकर की भूमिका स्वीकार कर राजनैतिक हलकों में नई बहस को जन्म दे दिया।
सोमवार को अगस्त क्रांति दिवस पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई विचार गोष्ठी और स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान समारोह में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने हिंदू संगठनों को खुश करने वाली बात कह दी। उन्होंने कहा, हम इनकार नहीं करते कि स्वतंत्रता आंदोलन में वीर सावरकर शामिल नहीं हुए। आजादी से पहले हिंदू राष्ट्र की मांग भी जायज थी। सावरकरजी जो हिंदू राष्ट्र की बात करते थे, गुनाह नहीं करते थे। हालांकि इसी के साथ डोटासरा ने संघ को लोगों को अंग्रेजों का मुखबिर भी कह दिया।
इस तरह का बयान देकर डोटासरा ने नई बहस छेड़ दी है। उन्हीं की कांग्रेस पार्टी लाइन से यह बयान कहीं मेल नहीं खाता। भाजपा अब डोटासरा के बयान का हवाला देकर सावरकर और हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर कांग्रेस को घेर सकती है।
डोटासरा ने कहा- उस वक्त हमारा देश आजाद नहीं हुआ था। उस वक्त हमारा संविधान लागू नहीं हुआ था। आजादी से पहले अगर वह सावरकर हिंदू राष्ट्र की बात करते थे, तो गुनाह नहीं करते थे। देश आजाद हो गया और संविधान बन गया। सब धर्म-जाति के लोगों ने संविधान को स्वीकार कर लिया। उसके बाद उनकी विचारधारा को लेकर भाई से भाई को लड़ाने का षड़्यंत्र भाजपा-आरएसएस करते हैं। हम इनके मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे। डोटासरा ने कहा, हमें यह समझना पड़ेगा कि सावरकरजी उस वक्त जेलों में गए। उसको कोई नकार नहीं रहा है, लेकिन जेलों में जाने के बाद उन्होंने अंग्रेजों को चार-चार बार दरख्वास्त दी। उन्होंने अंग्रेजों को खुद के जेल से बाहर आने की उपयोगिता समझाई। वे लोग किस-किस तरह की सूचनाएं अंग्रेजों को देते थे, वह भी सबको पता है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने इसलिए बलिदान नहीं दिए कि इस तरह के लोग सत्ता में आएं, जो हिटलरशाही कर रहे हैं। आज वे लोग राष्ट्रभक्त होने का दावा कर रहे हैं जिनका आजादी के आंदोलन में योगदान नगण्य है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सावरकर की आजादी के आंदोलन में भूमिका मान ली। आजादी से पहले हिंदू राष्ट्र की मांग को भी सही ठहरा दिया। जबकि कांग्रेस नेता अब तक सावरकर को अंग्रेजों का जासूस कहते रहे हैं। सावरकर की आजादी के आंदोलन में भूमिका को कांग्रेस सिरे से नकारती रही है।
सावरकर को लेकर कांग्रेस शुरू से ही हमलावर रही है। स्कूली पाठ्यक्रम में सावरकर को पढ़ाए जाने को लेकर कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया था। राजस्थान में भी कांग्रेस ने भाजपा पर शिक्षा के भगवाकरण के आरोप लगाए थे।