गांवों में कोरोना जांच, इलाज की गाइडलइन जारी ..
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गांवों में कोरोना जांच, इलाज की गाइडलइन
गांवों में तेजी से फैल रहे कोरोना को लेकर सरकार ने रविवार को अलग से गाइडलाइन जारी की है, ताकि ग्रामीण अंचल में इसका संक्रमण रोका जा सके। गाइडलाइन के अनुसार आशा कार्यकर्ताओं को जुकाम-बुखार की मॉनिटरिंग और संक्रमित मामलों में सामुदायिक स्वास्थ अधिकारी (कम्युनिटी हेल्थ अफसर) को फोन पर केस देखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा एएनएम को भी रैपिड एंटीजन टेस्ट की ट्रेनिंग दिए जाने की बात कही गई है।
गाइडलाइन में ग्रामीण इलाकों में इंफ्लूएंजा जैसी बीमारी और सांस से जुड़ी समस्या के मरीजों की निगरानी पर जोर दिया गया है। वहां आशा वर्कर्स और विलेज हेल्थ सैनिटाइजेशन एंड न्यूट्रिशन कमेटी की मदद से निगरानी की जाएगी। कोरोना के संदिग्ध मरीजों की रैपिड एंटीजन या आरटी पीसीआर के जरिए टेस्टिंग कराने को कहा गया है। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की मदद से लक्षण वाले मरीजों को टेली कंसल्टेशन मुहैया करवाया जाए। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त और लो सेचुरेशन वाले मरीजों को इलाज के लिए बेहतर केंद्र भेजने को कहा गया है।
इसके साथ ही कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और आशा वर्कर्स को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की ट्रेनिंग देने को कहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन सेचुरेशन को आंकने के लिए प्लस ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आइसोलेशन और क्वारंटाइन में मरीजों के फॉलोअप के लिए फ्रंटलाइन वर्कर, वालंटियर, शिक्षक घर घर जाएं। इन सबको होम आइसोलेशन किट मुहैया कराई जाए। होम आइसोलेशन में मरीज को अगर सांस में तकलीफ हो, ऑक्सीजन 94 फीसदी से नीचे हो, सीने में दर्द हो तो वो लोग डॉक्टरों से संपर्क करें।
गाइडलाइन में कहा गया है कि ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसदी से नीचे हो तो ऑक्सीज बेड दिया जाए। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों का 10 दिन में आइसोलेशन खत्म हो जाएगा और बिना लक्षण वाले मरीज की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव हो और लग़ातर 3 दिन बुखार न हो तो 10 दिन में होम आइसोलेशन खत्म हो जाएगा। ग्रामीण इलाकों में कोविड केयर सेंटर माइल्ड और बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर, मॉडरेट केस और गंभीर केस वाले मरीजों के लिए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल इलाज की जरूरत पड़ेगी।