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देश के सबसे कम उम्र के पेटेंट धारक जयपुर के हृदयेश्वर सिंह भाटी का बुधवार गुरुवार की दरम्यानी रात ह्रदय गति रुक जाने के कारण 19 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। शतरंज के क्षेत्र में सात नयी खोज और तीन पेटेंट अपने नाम कर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्डस और इंडिया रिकॉर्डस में नाम दर्ज करवाया था।मात्र नौ साल की उम्र में गोलाकार शतरंज की खोज कर, पेटेंट हासिल करने वाले भाटी को ‘‘मिनी स्टीफन हॉकिंग’’ कहा जाता था।केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने हृदयेश्वर को बाल श्रेणी के अंतर्गत- उत्कृष्ट रचनात्मक बाल (पुरुष) -2019 सशक्त दिव्यांगता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। वहीं ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति’ पुरस्कार से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका था। बता दें कि भाटी ने सबसे पहले 2013 में एक छह खिलाड़ी परिपत्र शतरंज का आविष्कार किया था। साथ ही इसके लिये एक पेटेंट प्राप्त किया। इसके बाद में उन्होंने 12 और 60 खिलाड़ियो का शतरंज परिपत्र विकसित किया और उनके लिये पेटेंट प्राप्त किया। भाटी ने दो वाहनों और 16 बाई 16 सुडोकू में पावर वाहन की पहुंच के लिये रैंप संशोधन में भी योगदान दिया है। भाटी के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई लोगों ने दुःख जताया है। आपको बता दे कि भाटी मांसपेशियों की लाइलाज बीमारी ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित थे जिसकी वजह से उनका जीवन व्हील चेयर पर सिमट गया था।

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