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Rajasthan – राज्य कर्मचारियों की वेतन कटौती के आदेश जारी

राजस्थान में विभिन्न सेवाओं के अधिकारियों के वेतन में कटौती के आदेश जारी हो गए। हालांकि तैयारी अधीनस्थ सेवा कर्मियों के वेतन पर भी कैंची चलाने की थी, लेकिन फिलहाल अभी अधिकारियों की ही जेब ढीली करने का फैसला हुआ है। इस फैसले की वजह युवाओं को मुफ्त वैक्सीन लगाने के वित्तीय भार को वहन करना बताया गया है।

कोरोना महामारी के प्रकोप और वायरस से बचाव के लिए 18 से 45 वर्ष की उम्र के लोगों को लगने वाली वैक्सीन का खर्च राजस्थान सरकार उठा रही है। इससे सरकार के बजट का पूरा गणित गड़बड़ा गया है। पहले से ही राजस्व वसूली कम होने का झटका झेल रही राज्य सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद हेल्थ व मेडिकल सेक्टर पर खर्च बढ़ा दिया है। इसमें अकेले नि:शुल्क वैक्सीनेशन के लिए ही 2300 करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यय भार सरकार पर आएगा। इसके लिए बजट रिस्ट्रक्चरिंग के तहत अधिकारियों के वेतन से कटौती का निर्णय लिया गया है।

राज्य सरकार ने प्रदेश के आईएएस, आईपीएस तथा आईएफस के 3 दिन और राजस्थान प्रशासनिक सेवा, राजस्थान लेखा सेवा, राजस्थान पुलिस सेवा, राजस्थान वन सेवा, राजस्थान वाणिज्यिक कर सेवा के अधिकारियों का दो दिन का वेतन काटने का निर्णय लिया है। इस संबंध में रविवार को वित्त विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। इसके लिए इन सभी 8 सेवाओं के अफसरों के मई माह, 2021 के वेतन से निर्धारित कटौती कर मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करवाया जाएगा। आदेशों में कहा गया है कि किसी कारण से मई 2021 के वेतन से कटौती नहीं हो पाती है तो आगामी माह जून में यह वेतन कटौती की जाएगी।

बजट में कटौती को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले सप्ताह सार्वजनिक बयान दे चुके हैं। गहलोत ने कहा था कि केंद्र सरकार ने 18 साल से ऊपर वालों के वैक्सीनेशन का खर्च राज्यों पर डालने के बारे में पहले नहीं बताया। हमारा बजट पास हो चुका है। अब वैक्सीनेशन का भार आने से हमें हमारा बजट डिस्टर्ब करना होगा। सीएम अशोक गहलोत कह चुके हैं कि वैक्सीनेशन के खर्च का जुगाड़ करने के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड ट्रस्ट डीएमएफटी के 2700 करोड़ रुपए में से रकम ली जाएगी। विधायक फंड से 600 करोड़ रुपए वैक्सीनेशन के लिए डायवर्ट किए जाएंगे। राजस्थान में 18 से 45 साल की आयु ग्रुप की आबादी करीब 2 क​रोड़ 90 लाख है। यहां 1 मई से इस उम्र के लोगों को नि:शुल्क वैक्सीन लगाना शुरू किया गया था।

अतिरिक्त पैसों के इंतजाम के लिए वित्त विभाग हर उन योजनाओं और कार्यक्रम का ब्यौरा जुटा रहा है, जिनके बजट में कटौती होनी है। सरकार की फ्लैगशिप स्कीम को छोड़ सभी योजना और कार्यक्रम के बजट में 30 फीसदी तक कटौती की तैयारी है। केंद्र सरकार ने भी कई योजनाओं में बजट रिस्ट्रक्चर के नाम पर राज्यों को दिए जाने वाले फंड में कमी की है। उसका असर राजस्थान में भी दिखेगा।

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